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राहुल गांधी को सांसद सदस्‍यता वापस मिल जाएगी




राहत की उम्मीद पर राहुल गांधी

वायनाड से सांसद के रूप में अयोग्य ठहराए गए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में एक अपील दायर की, जिसमें गुजरात उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी गई, जिसमें सूरत ट्रायल कोर्ट के उस फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया गया, जिसमें उन्हें मोदी-उपनाम मानहानि मामले में दो साल की कैद की सजा सुनाई गई थी।

याचिका, जिसे अभी तक Supreme Court रजिस्ट्री द्वारा क्रमांकित नहीं किया गया है। इसको अगले कुछ दिनों में CJI D Y Chandrachud की अगुवाई वाली पीठ के समक्ष तत्काल सुनवाई के लिए उल्लेखित किए जाने की संभावना है। राहुल के लिए तात्कालिकता यह है कि, जब तक सुप्रीम कोर्ट दोषसिद्धि और सजा पर रोक नहीं लगाता, उन्हें दोषसिद्धि के खिलाफ अपनी अपील के लंबित रहने के दौरान सुप्रीम कोर्ट से नई जमानत लेनी होगी और सूरत कोर्ट के आदेश का तारीख से आठ साल तक चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य रहने की संभावना का भी सामना करना होगा।

अपनी याचिका में राहुल ने कहा, ''अगर याचिकाकर्ता को राहत नहीं दी गई तो वह अपने करियर के आठ साल गंवा देंगे। जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 8(3) के तहत एक व्यक्ति को किसी भी अपराध के लिए दोषी ठहराया जाता है और दो साल की सजा सुनाई जाती है तो जेल की सजा और सजा काटने के छह साल बाद तक वह चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य रहेगा।

वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने कहा

शीर्ष कांग्रेस नेता ने कहा कि पूर्णेश मोदी के आदेश पर उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। उनके वकील पीएस सुधीर ने सुप्रीम कोर्ट में एक विरोध-पत्र दायर की है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि राहुल को High Court के फैसले पर कोई एकतरफा रोक न मिले।
शिकायतकर्ता के खिलाफ मानहानि का मामला दायर करने के अधिकार पर सवाल उठाते हुए राहुल ने कहा कि जब किसी राजनीतिक भाषण के दौरान कथित रूप से अपमानजनक या अपमानजनक शब्द बोले जाते हैं, तो यह समझा जाना चाहिए कि यह किसी राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी पर निर्देशित किया गया है, न कि किसी वर्ग या समुदाय के खिलाफ।

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